बेवफाई
क्यों इल्जाम दे उन्हें बेवफाई का ,
होगी कुछ मजबूरियां उनकी भी
वरना वफ़ा तो औरो से भी किया करते थे।
आज कुछ यू मुस्कुरा के चल दिए
वरना ,
मोहब्बत तो गौरव से ही किया करते थे।
क्यों इल्जाम दे उन्हें बेवफाई का ,
होंगी कुछ मजबूरियां उनकी भी
वरना इतने बुरे हम भी नहीं थे।
बस उन्हें आवारगी का शौक था
और हमें आशिकी का।
क्यों इल्जाम दे उन्हें बेवफाई का ,
खता तो हम भी किया करते थे।
आज ढूढ़ते फिर रहे है उन्हें कहा- कहा
कभी तो वो नजरो के सामने मिल जाते थे
यहाँ वहाँ।
-Gaurav y singh
पस्तायेगा वो जो हमसे दूर जायेगा
कभी न कभी उसका दिल भी टूट जायेगा
तोड़ के मेरा दिल जो किसी और का बसायेगा
जिन्दगी भर रोता रह जायेगा
अश्कों से दिल भिगोता रह जायेगा।
Bhai ...mja aa gya .....
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